The best Side of sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं read more सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥